HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

नोजा  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
अ.लोज अथवा चिलगोजा
एक प्रकार का सूखा मेवा, चिलगोजा।
  • उदा.--पिस्तां सूं ना प्रेम, कोड काजू रौ कोनी। नोजा लागै निकांम, किसमिसी भावै कोनी। खारक ना खुस करै, खुमांणी दाय न आवै। खारी वणी विदांम, दांम अखरोट लगावै। मारवाड़ मलांणी मगरै, खोखौ चोखौ मेवड़ौ। सूकौ ससतौ देवै सदा, मुरधर खेजड़ देवड़ौ।--दसदेव


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची