सं.स्त्री.
सं.पुरज्ञप्तिः=प्रा.पन्नत्ती
1.शनि ग्रह की शुभाशुभ फलप्रद उस स्थिति काल का नाम जो राशि विशेष से बारहवीं, जन्म की तथा दूसरी राशिपर्यंत रहता है, महाकल्याणी।
2.कुग्रहों का योग, दुर्दशाकाल।
- उदा.--1..पदवी है प्रति वासुदेव नी जी, जोरावर जरासंघ। आंण पनोति दोली फिरीजी, क्रस्ण काट दियौ कंध।--जयवांणी
- उदा.--2..कहै दास सगरांम सुणौ सज्जन हितकारी। कर सुक्रत भज रांम, पनोति आई भारी।--सगरांमदास