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पनोति, पनोती  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
सं.पुरज्ञप्तिः=प्रा.पन्नत्ती
1.शनि ग्रह की शुभाशुभ फलप्रद उस स्थिति काल का नाम जो राशि विशेष से बारहवीं, जन्म की तथा दूसरी राशिपर्यंत रहता है, महाकल्याणी।
2.कुग्रहों का योग, दुर्दशाकाल।
  • उदा.--1..पदवी है प्रति वासुदेव नी जी, जोरावर जरासंघ। आंण पनोति दोली फिरीजी, क्रस्ण काट दियौ कंध।--जयवांणी
  • उदा.--2..कहै दास सगरांम सुणौ सज्जन हितकारी। कर सुक्रत भज रांम, पनोति आई भारी।--सगरांमदास
रू.भे.
पनुंती।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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