सं.स्त्री.
सं.पुरभूत
1.पहुंचने की क्रिया या भाव।
2.किसी के कहीं पहुंचने की सूचना।
3.ऐसा स्थान जहाँ तक पहुँचा जा सके। ज्यूं--दीवाल घड़ी हाथ री पहुंच सूं ऊंची है।
4.किसी स्थान या व्यक्ति तक पहुंचने की शक्ति, सामर्थ्य।
- उदा.--1..सह दरसै संसार, अंग आक्रत वण एक सम। चितवन समझ विचार, पहुचण कवण 'प्रतापसी'।--जैतदांन बारहठ
5.किसी विषय का होने वाला ज्ञान।
रू.भे.
पउहंत, पहुंत, पहुत, पहूंत, पहूत्त, पहोंत, पहोच, पांत, पांथ, पुंहच, पुंहत, पोंच, पोंत, पोंहच, पोहंत, पो'च, पो'छ, पोहत, पोहोत्त, पौंथ, पौथ, पौइच, पौहत्त।