सं.स्त्री.
सं.पुात्र
1.राजस्थान में रहने वाली वेश्याओं में एक जाति की हिन्दू वेश्या।
- उदा.--कुकड़ा रौ गुण कांम, काक गुण भक्षण कीनौ। जुध करण रौ जोध, स्वांन गुण सांप्रत लीनौ। अणपढ़ियां में आंण, खरौ गुण लीनौ खर रौ। धाड़ा, चोरी, धरम, घमंड गुण कीनौ धर रौ। मद-पांन मगन मांदा रहै, देय हकीमां दांन जू। परणी तज पातर रखै, खरा गुणां री खांन जू।--ऊ.का.
2.देखो 'पातरौ' (मह., रू.भे.)
रू.भे.
पातरु, पातुर, पात्र।
विशेष विवरण:-देखो 'वेश्या'।