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प्रतिस्टा, प्रतिस्ठा  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
सं.पुरतिष्ठा
1.पदार्थ या वस्तु विशेष का अच्छी तरह स्थापित किया जाना, स्थापना। (देवमूर्ति, मकान आदि)
  • उदा.--तळाव सूरसागर 1664 रा वैसाख सुद 2 प्रतिस्टा हुई।--नैणसी
  • उदा.--2..खंतिविजय पिण पींपार नां घणां स्रावकां सूं देवल नी प्रतिस्ठा हवै त्यां आयौ ।--भि.द्र.
2.मान, मर्यादा, इज्जात ।
  • उदा.--वडा वडा राजवियां री यां ही प्रतिस्ठा, घटसी।--पंचदंडी री वारता
3.आदर, सत्कार, सम्मान।
  • उदा.--राजकुमार देवीसिंह भी ऊमरथूणा री ऊगमणी सीमा पर पिता रा नांम थी बंगेस्वरी देवी रौ मंदिर बणाइ प्रतिस्ठा पूरवक प्रतिमा पधराइ तेथ ही बापी बंगा-बाई बिरचाइ, बूंदी आप रौ थांणौं राखि बंबावदै जाइ हड्डाधिराज बंगदेव नूं प्रणांम कीधौ।--वं.भा.
4.यश, कीर्ति, ख्याति।
  • उदा.--साह कहियौ म्हारा अनामय रौ उद्देस करि आवै जिकां नूं सांम्है जाइ हूं ही समझाइ पाछा मोडि आऊं। तिकौ भी तात रौ निदेस सनमांनि दारा कहियौ पिता रा पधारण मैं हूं भी पाट रौ पुत्र प्रतिस्ठा नूं पाऊं।--वं.भा.
5.पृथ्वी।
6.आधार, ठहराव।
7.शांति, विश्राम।
8.स्थिरता, स्थाईत्व।
9.चार वर्ण का वृत्त विशेष। (र.ज.प्र.)
रू.भे.
पइट्ठा, प्रतसटा, प्रतसठा, प्रतीठ, प्रतेस्ट, प्रतेस्ठ, प्रत्तेस्ट, प्रत्तेस्ठ।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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