सं.पु.
सं.
1.मानसिक या शारीरिक चेष्टाएं जो कोई कार्य या उद्धेश्य पूर्ण करने के लिए की जाती हैं।
2.किसी पदार्थ की प्राप्ति या किसी कठिन कार्य की सफलता हेमतु आदि से अंत तक परिश्रमपूर्वक किये जाने वाले कृत्य, उद्योग, चेष्टाएं।
- उदा.--जिण थी दिसा दिसा रा नेरसां मुगळ रै सांम्है अनेक उपहार भेजि आप री इळा आप रै हेठै लैण रौ प्रयत्न बघारिया।--वं.भा.
4.भाषा-विज्ञान और व्याकरण के मतानुसार वर्ण के उच्चारण में होने वाली क्रिया।
5.न्यायशास्त्री के अनुसार जीव या प्राणी के छ: गुणों में से एक जो उसकी सक्रिय चेष्टा का सूचक होता है।