सं.पु.
सं.भगिनीति:, प्रा.बहिणी--वइ
बहन का पति।
- उदा.--1..आवौ बहनेवी अमुक, दनां घणां सूं दीठ। म्हांसू काय दीधा मगज, परणी पाछै पीठ।--कल्यांणसिंघ नगराजोत वाढेल री वात
- उदा.--2..पाछलै पहर साळौ बहनोई दोनूं बेठ सारी बातां कीवी हंसिया खेलिया।--कुंवरसी सांखला री वारता
- उदा.--3..तद बूबरना कही--जी हजरत सलांमत, मेरा बहनोई है।--जलाल बूबना री बात
- उदा.--4..कांन्ह कंवर सौ वीरौ मांगां, राई सी भोजाई। सौ'दरा सी बहनड़ मांगां, सावळिया बहनोई।--लो.गी.
रू.भे.
बनेई, बहणोई, बहिनेवी, बेनोई, बेहनेई, बेहनोई, बैंनोई, बैनोई, बैहनेई, बैहनोई, बैहनोई।