क्रि.वि.
सं.बहु+करिणम्
1.पुन:, फिर, बार--बार।
- उदा.--पय--पांणी की प्रीतड़ी, पड़्यौ ज कपटभ लूंण। खंड--खंड करि मन गयौ, बहुरि मिलावै कूंण।--अज्ञात
2.अनन्दर, उपरान्त, बादमें।
4.देखो 'बहू' (अल्पा., रू.भे)
रू.भे.
बहुड़ि, बहुरी, बहोड़ि, बहोर, बहोरि, बहौड़ि, वहौड़ि, वहौड़ी।