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बात  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
सं.वार्ता
1.किसी विषया या वृत्त को सूचित करने वाला सार्थक शब्द, वाक्य, वचन, वाणी, बोल, कथन।
  • उदा.--1..अत सीतळ अवदात, संकर मन भावै सदा। 'बांका' सांची बात, सुरसुरि जळ राकेस सम।--बां.दा.
  • उदा.--2..कै अभवी काफर कहै, कहै कुपात्र कुजात। आ हद वाळां री अकल, बेहद री नहिं बात।--ऊ.का.
  • मुहावरा--1.कांनां बात घालणी--किसी कथन से अवगत कराना, किसी काम के लिये कहना।
  • मुहावरा--2.कांना बात पड़णी--किसी घटना या विषय का आभास होना, जानकारी मिलना।
  • मुहावरा--3.बात कहतां कांम होणौ--किसी कार्य का तुरंत पूरा हो जाना, अत्यन्त कम समय में पूरा हो जाना।
  • मुहावरा--5.बात काटणी--किसी के कथन के बीच में बोलना।
  • मुहावरा--6.बात खाली जाणी--कि वचन या कथन का निष्फल होना, परिश्रम व्यर्थ जाना।
  • मुहावरा--7.बात री गांठ बांधणी--किसी घटना प्रसंग या व्यवहार को सदा के लिले मन में धारण कर लेना, कभी न भुलना।
  • मुहावरा--8.बात घड़ण--देखो 'बातां बणणी'।
  • मुहावरा--9.बात जमणी--कही हुई बात समझ में आना, बात का विश्वास हो जाना।
  • मुहावरा--10.--बात टाळणी--अनसुनी करना।
  • मुहावरा--11.बात निकळणी--मुहं से कोई बात अनायास ही प्रकट हौना।
  • मुहावरा--12.बात नीं पूछणी--आदर, सम्मान या कदर न करना
  • मुहावरा--13.बात पकड़णी--किसी एक ही दृष्टिकोण को पकड़कर बैठ जाना। किसी एक्र वाक्य पर तर्क करना, किसी को निरुत्तर करना।
  • मुहावरा--14.बात पगै आणी--कोई कही हुई बात सत्य सिद्ध होना।
  • मुहावरा--15.बात पळटणी--अपने वचन से मुकर जाना, बदल जाना।
  • मुहावरा--16.बात पार पड़णी--नियोजित कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो जाना, कहे हुए बोल झूटे न पड़ना।
  • मुहावरा--17.बात पींणी, बात पीवणी--कठोर , ब्द सुनकार भी शान्त रहना, दु:खद घटना को शान्ति पूर्वक सह लेना, सुनी अनसुनी करना।
  • मुहावरा--18.बात पूछणी--खोज खबर लेना, दुख--सुख पूछना, कदर करना, आदर करना।
  • मुहावरा--19.बात फूटणी--मुंह से निकला हुआ वचनुैलना, सर्वव्यापी होना।
  • मुहावरा--20.बात फैकणी--देखो 'बात पलटणी'।
  • मुहावरा--21.बात फैकणी--व्यंग या तानां मारना।
  • मुहावरा--22.बात फैलणी--देखो 'बात फूटणी'।
  • मुहावरा--23.बात बणाणी--देखो'बातां' बणाणी'।
  • मुहावरा--24.बात बदळणी--देखो बात 'पलटणी'।
  • मुहावरा--25.बात बात मैं--प्रत्येक कार्य में, हर बात में, कदम कदम पर।
  • मुहावरा--26.बात बूझणी--देखो 'बात पूछणी'।
  • मुहावरा--27.बात मंडा माथै लाणी--वोलना, उच्चारण करना।
  • मुहावरा--28.बात में बात निकाळणी--किसी शब्द या बात का श्लेषात्मक अर्थ लगाना बाल की खाल निकालना।
  • मुहावरा--29.बात राखणी--वचन निभाना, हठ या जिद पर अड़जाना।
  • मुहावरा--30.बात रै'णी--वचन या प्रतिज्ञा पूरी होना, वादा निभना, इज्जात बच जाना।
  • मुहावरा--31.बात री बात में--तुरंत।
  • मुहावरा--32.बस री बात होणी--कोई कार्य अपने काबू में होना।
  • मुहावरा--33.बातां बणाणी--झूठी बातें बनकार फैलाना, बढ़--बढ़ कर बोलना।
  • मुहावरा--34.बातां में आणौ--किसी के बहकावे में आना, किसी के प्रभाव में आना।
  • मुहावरा--35.बांतां री झड़ी बांधणी, बातां री झड़ी लगाणी--अधिक बातें करना।
  • मुहावरा--36.बातां रौ घणी--केवल बातें करने या जबान चलाने वाला, बहुत बोलने वालला, कोई बात कहने ममें सिद्ध--हस्त।।
  • मुहावरा--37.बातां सुणणी--कटु वचन सुनना, सहन करना।
  • मुहावरा--38.बातां सुणाणी--भला--बुरा कहना.कठोर शब्द कहना, डांटना, फटाकरना। ।
2.चरचा, जिक्र, प्रसंग।
  • उदा.--1..रात रा सेठा मतै ई बात छेड़ी।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..बात सुण मन रीझ 'सोनगसाह' बोलै। सिंघ का बाळक सौ तौ सिंघ के ही तोलै।--रा.रू.
  • उदा.--3..बैरी री ही बत्तड़ी, करै नहीं कुळवंत। बात बुरी मिळ मित्र री, बाहिरा करंत।--बां.दा.
  • मुहावरा--1.बात आणी--किसी प्रकार का प्रसंग या चर्चा छिड़ना, जिक्र होना।
  • मुहावरा--2.बात उठाणी--कोई प्रसंग या चर्चा शुरू करना, जिक्र करना, चार्च चलाना।
  • मुहावरा--3.बात करणी--देखो 'बात उठाणी,
  • मुहावरा--4.बात चलाणी--देखो 'बात उठाणी'।
  • मुहावरा--5.बात चालणी--देखो 'बात आणी'।
  • मुहावरा--6.बात छोड़णी--देखो 'बात डइाणी'।
  • मुहावरा--7.बात निकळणी--देखो 'बात आणी'।
  • मुहावरा--8.बात नीं करणी--कोई चरचा या प्रसंग नहीं छेड़ना, अभिमान के मारे किसी से न बोलना।
  • मुहावरा--9.बात पलटणी--प्रसंग को मोड़ देना, चालू विषय को छोड़--कर दूसरा विषय छेड़ना।
  • मुहावरा--10.बात फूटणी, बात फैलणी--कोई प्रसंग प्रचलित होना, प्रकाश में आ जाना, चारों ओर फैल जाना।
  • मुहावरा--11.बात मूंडा माथै लाणी--देखो 'बात उठाणी'।
3.वार्तालाप, कथोपकथन।
  • उदा.--1..बीता उमर बरसड़ा बातां करता 'बंक'। क्यूं ही नह साधन कियौ, उर जम रौ आंतक।--बां.दा.
  • उदा.--2..डहती डूलीसी भूली ढंग ढांगै। मोटौ आख्या री रोटी मुख मांगै। तोता बौता में रैता तुतळाया। बातां बीसरगा बै'ता बतळाया।--ऊ.का.
  • मुहावरा--1.बात काटणी--किसी के वार्त्तालाप में दखल देना।
  • मुहावरा--2.बातां ई बांतां में--बातों के दरमियान, बातें करते समय, चतुराई से, आसानी से, थोड़े में।
  • मुहावरा--3.बातां करणी--वार्तालाप करना, विचार--विमर्श करना, डींग हांकना, असंगत बात कहना।
  • मुहावरा--4.बातां मारणी--देखो 'बातां करणी'।
  • मुहावरा--5.बातां में लगाणौ--बातों में मशगूल करना, बहलाना।
  • मुहावरा--6.बातां में लागणौ--वार्त्तालाप करना विचार--बिमर्श कराना।
  • मुहावरा--7.बातां री झड़ी लागणी--जोर--शोर से बातें होनी।
4.कोई विषय या मामला तय करने के लिये किया जाने वाला विचार--विमर्श।
  • उदा.--संजोग सूं इण जमपुरी में आदमी आयौ तौ ई लाखां में टाळकौ। सावळ निरांत सूं बात चीत करौ तौ आपरौ खासौ भलौ धयौमिट सकै।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--1.बात आणी--कोई प्रसंग या चर्चा विचाराथ्र सामने आना।
  • मुहावरा--2.बात फैकिणी--कोई विषय या चरचा किसी के सामने रखना, विचारार्थ प्रस्तुत करना।
  • मुहावरा--3.बात बढ़ाणी--उसी विषय या प्रसंग को आगे बढ़ाना, विचार--विमर्श करना।
  • मुहावरा--4.बात ठै'राणी--देखो 'बात बैठाणी'।
  • मुहावरा--5.बात बैठाणी--किसी प्रकार का निश्चत हो जाना, तय हो जाना। कोई प्रयत्न सफल हो जाना। समझ में आ जाना।
  • मुहावरा--6.बात बैठाणी--तय करना, निश्चिय करना, कोई बात समझाना।
5.मामला, माजरा, मसला।
  • उदा.--1..विचार करण रौ कांम जिण रौ है, उण नै आं बातां माथै विचार करण दौ।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..रांणी रै आ बात सोळै आना हीयै ढूकगी के अबै घड़ी पलकां री बात है।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--1.बस री बात होणी--मामला काबू में होना, वातावरण पर नियन्त्रण होना।
  • मुहावरा--2.बात जमणी--कोई मामला तय होना, रास्तें पर आना।
  • मुहावरा--3.बात टळणी--कोई विषय या मामला टल जाना, उस पर निर्णय हाने से रह जाना।
  • मुहावरा--4.बात टाळणी--किसी विषय या मामले को भुलावे में डालना, मामले को टाल देना।
  • मुहावरा--5.बात पी जाणी--मामले या घटना को अन्दर ही अन्दर दबा देना।
  • मुहावरा--6.बात फैकणी--किसी मसले का विसारार्थ सामने लाना।
  • मुहावरा--7.बात बढ़णी--किसी मामले या मसले का तूल पकड़ना।
  • मुहावरा--8.बात बढ़ाणी--किसी मामले को तूल देना, किसी घटना को गंभीर रूप देना।
  • मुहावरा--9.बात बणणी--मामला तय होना, प्रयोजन सिद्ध होना, काम बनना।
  • मुहावरा--10.बात बणाणी--देखो 'बात संवारणी'।
  • मुहावरा--11.बात बात में--हर मामले में, हर वक्त, कदम कदम पर।
  • मुहावरा--12.बात बिगड़णी--मामला खराब होना, काम चोपट होना।
  • मुहावरा--13.बात बिगड़णी--मामला खराब होनाकाम चौपट करना।
  • मुहावरा--14.बात रौ बतंगड़ करणौ--किसी मामले, मसले या विषय को तूल देना।
  • मुहावरा--15.बात संवारणी--काम बनाना, कार्य सिद्ध करना।
6.विषय।
  • उदा.--1..बुरा पसू बच जाय, अहर निस खाय न आखू। बड़ा सोच री बात तिका नर खाय तमाखूं।--ऊ.का.
  • उदा.--2..कुमारी कह्‌यो--अपांनै जिण गांव नीं जांणौ, उणरौ मागर क्यूं पूछणौ! अण बात सारू नीं तौ कीं सला लेवणी अर नीं इण माथै कीं विचार करणौ।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--1.बात ढूकणी--कोई विषय समझ में आ जाना।
  • मुहावरा--2.बात फेरणी--विषयान्तर करना।
  • मुहावरा--3.बात बदळणी--देखो 'बात फेरण'।
  • मुहावरा--4.बात बीतणी--विषय समाप्त होना, किसी का मर जाना।
  • मुहावरा--5.बात माथै जाणौ--उसी विषय पर गहरा विचार करना।
7.समाचार, सूचना, खबर, संदेश।
  • उदा.--1..पंथ लगौ मुरधर पाय, तज दिली छळ तै ताय। सुण बात कमंध सुग्यांन, बळ मूंछ धर बळवांन।--रा.रू.
  • उदा.--2..किणी अेक रै पांचवां बेटा री सगाई रै दस्तुर सारू दूजै दिन पांवण आवण वाळा है, इण बात री भणक मोटोड़ा च्यारूं बेटां रै कांनां में पड़तां ई वै सीधा मां रै पायती गिया।--फुलवाड़ी
  • उदा.--3..राजा आ बात सुणतां ई राज दरबार छोड़नै घबरायोड़ौ सीस मै'ल में आयौ।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--1.कांनां बात घालणी--खबर पहुंचाना।
  • मुहावरा--2.बात फूटणी--किसी प्रकार की खबर या समाचार सब को मालूम होना, गुप्त खबर प्रकट हो जाना।
  • मुहावरा--3.बात फैलणी--किसी घटना के समाचार प्रसारित होना। जन--जन तक पहुंचना।
  • मुहावरा--4.बात फैलणी--किसी घटना या काम की सूचना सर्व साधारण को देनी।
8.अफवाह, प्रवाद।
  • मुहावरा--1.बात उठाणी--अफवाह फैलाना।
  • मुहावरा--2.बात ऊठणी--अफवाह फैलना।
  • मुहावरा--3.बात उडणी--कोई चर्चा फैलना, किसी के दुष्कर्मों का भंडा फोड़ होना, साख उठ जाना।
  • मुहावरा--4.बात फूटणी--देखो 'बात फैलणी'।
  • मुहावरा--5.बात फैलणी--कोई अफवाह समाज में सर्वव्यापी होना।
  • मुहावरा--6.बातां उडाणी--अफवाहें फैलाना।
9.वृत्तान्त, हाल--चाल।
  • उदा.--1..राजकंवर धरमराज री बेटी नै आपरै लोक री बातां बतावतौ हौ। वा तौ जकी बात सुणती उण माथै ई अचुंभौ करती।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..बीकांण पाट वाळी वळू, घंटाळी बैड़ी घणी। कहि आती बात सारी कथा, तवी राव 'सेखा' तणी।--मे.म.
  • उदा.--3..सुख सूं बैठी सदन में, क्यूं, पूछौ कुसळात। तो तन कुसळायत तणी, बालम पूछू बात।--बां.दा.
  • उदा.--4..लाचार होयनै बांमणी आगै कैवण लागी। वा बिगत वार बात सुणावती जावती अर वौ ध्यांन सूं कांन लगायां सगळी वारता सुणतौ हौ।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--1.बात कै'णी--हाल--चाल सुनाना।
  • मुहावरा--2.बात पूछणी--हाल--चाल वृत्तान्त पूछना, खोज खबर लेना, कुयलक्षेम पूछना।
  • मुहावरा--3.बात बताणी--वृत्तान्त या हाल--चाल सुनाना।
10.गोपनीय या गुप्त वारता, रहस्य, भेद।
  • उदा.--1..कर पारौ काचै कळस, जळ राखियौ न जाता। नव नहचै ठहरै नहीं, विदर उदर में बात।--बां.दा.
  • उदा.--2..कुमार फैर उण ओड़ौ देवतां कह्‌यौ--थां में तौ अकल रौ वास्तौ ई कोनी। अैड़ी बातां री पांचवै कांन ई सुरपुर व्हैगी तौ पछै औ धन दूजौ ई भोगैला।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--1.बात खुलणी--गुप्त मामला प्रगट या जाहिर हो जाना।
  • मुहावरा--2.बात खोलणी--गुप्त विषय या रहस्य प्रगट कर देना।
  • मुहावरा--3.बात पाणी--रहस्य मालूम होना, गुप्त या गोपनीय कार्यवाही की जान--कारी प्राप्त करना।
  • मुहावरा--4.बात फूटणी--गुप्त व्यवस्था या कार्रवाई सबको मालूम हो जाना।
11.अभिप्राय, आशय, भाव।
  • उदा.--सेइ लीद जोखता ई वां रा मन री बात लखग्या।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--बात रौ रुख--विचार विमर्श या वार्तालाप का आशय, अभिप्राय।
12.सम्बन्ध, लगाव। ज्यूं.--इण दोनां रै बीच में कोई न कोई बात जरूर है।
13.व्यवहार, बर्ताव, सम्पर्क।
  • उदा.--1..जिण बात सूं थांरा जीव ने दुख उपजै वौ दुख कदैई किणी नै मत दीजौ। जका हित्यारा जीवां नै संतावै वांरा सूं हमेसां सांमनौ करजौ।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..धरमराज कह्‌यौ--पूरौ रौ पूरौ खातौ सुणू जित्ती म्हनै वगत कोनी। फटाफट बताबौ के औ आदमी कैड़ौक है। घणौ कुबदी व्है तौ उण ढंग सूं बात करूं अर स्यांणौ व्है तौ दूजा हिसाब सूं बात करू।--फुलवाड़ी
14.स्वभाव, प्रकृति, लक्षण, गुण, चरित्र, आचरण।
  • उदा.--खोली बातां ख्यांतकर, तोली सारी तोत। ढरोली वाळै ढोल ज्यूं, गोली वाळौ गोत।--ऊ.का.
15.विशेषता, खूबी।
16.प्रसंसा या तारीफ का विषय, यश, कीति।
  • उदा.--जस चाहै वाहै जिकौ, मांसां चूकी हड्ड। अखियातां बातां वचै, जरा काळ डर छड्ड।--बां.दा.
17.सामर्थ्य, हस्ती, हेसियत।
  • उदा.--म्है तो थांरी माया नै ई पूगूं पछै भगवांत तौ घणी लांठी बात है।--फुलवाड़ी
18.मान, मर्यादा, प्रतिष्ठा।
  • उदा.--तज सारी घात, इकतारी राखै अधिक। बां मिनखां री बात रांम निभावै 'राजिया'।--किरपारांम
  • मुहावरा--1.बात खोणी, बात गमाणी--समाज में प्रतिष्ठा नष्ट होने वाला कार्य करना, इज्जात गंवाना।
  • मुहावरा--2.बात जाणी--इज्जात चली जाना, अवज्ञा हो जाना।
  • मुहावरा--3.बात बणणी--इज्जात या प्रतिष्ठा प्राप्त होना, सम्मान पाना।
  • मुहावरा--4.बात बणा लैणी--जाती हुई इज्जात को बचा लेना।
  • मुहावरा--5.बात बिगड़ण--देखो 'बात जाणी'।
  • मुहावरा--6.बात बिगड़णी--देखो 'वात खोणी'।
  • मुहावरा--7.बात राख लैणी--आज्ञा मान लेना, इज्जात बचा लेना।
  • मुहावरा--8.बात रै'णी--अवज्ञा न होना, मान--मर्यादा रह जाना।
19.वचन का प्रमाण, साख, विश्वास।
  • मुहावरा--1.बात खोणी, बात गंवाणी--ऐसा काम या व्यवहार करना, जिससे समाज में विश्वास मिट जाये, साख न रहे।
  • मुहावरा--2.बात जाणी--विश्वास उठ जाना, साख न रहना, वचन पर किसी को विश्वास न होना।
  • मुहावरा--3.बात बणाणौ--विश्वास या साख जमना।
20.प्रभाव, धाक, रौब।
21.प्रतिज्ञा, प्रण, वादा, कौल।
  • उदा.--1..पथिक जाय मुथुरा कहै जादवांपती नूं, आपरा मिळण कूं बात उरली। आय गोकळ मही लेर सुर अनोखां, मया कर सुणावौ फेर मुरळी।--बां.दा.
  • उदा.--2..दण दिन विस्णु भगवांन रै सांमी सुभट तै व्ही ही के मिनख जलम--मरण रा कांम में किणी भांत री पंचायती नीं करैला वौ तौ आपरा कांम राखैला। करमां रै हिसाब सूं सगळौ लेखौ--जोखौ म्हैं ई करांला।पण वौ तौ आपरी बात माथै रत्ती भर ई पांबदी नीं राखी।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--1.बात पक्की करणी--दृढ़ निश्चत करना, संक्ल्प करना, वादा करना, वचन देना।
  • मुहावरा--2.बात पूरी करणी--वादा निभाना, प्रतिज्ञा पूर्ण करना, कौल पूरा करना।
  • मुहावरा--3.बात माथै आणौ--कहे हुए वचनों के अनुसार करना, हठ करना।
  • मुहावरा--4.बात माथै जाणी--भरोसा करना, विश्वास करना।
  • मुहावरा--5.बात राखणी--देखो 'बात पूरी करणी'।
  • मुहावरा--6.बात रै'णी--वचन या प्रतिज्ञा पूरी होना, वादा निभना, इज्जात बचना।
  • मुहावरा--7.बात रो काचौ--वचन भंग करने वाला, झूठा। झूठी प्रतिज्ञा करने वाला, जिसकी बात का विश्वास नहो।
  • मुहावरा--8.बात रौ घणी--दृढ़ प्रतिज्ञ, कौल या वचन पर पूरा उतरने वाला।
  • मुहावरा--9.बात रौ हैठौ--देखो 'बात रौ काचौ'।
22.कार्य, कर्म, क्रिया।
  • उदा.--1..सेठांणी जी तौ काल ही सूं बरजै है। थूं अणूं ती समझवांन है। अर बता दिसावर जायनै कमाई करणी सिरै बात है के नी।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..थें आज म्हारौ खास मन जांणी बात करी। कपूतां रा अैड़ा ई लखण है।--फुलवाड़ी
  • उदा.--3..आछी बातां दोय इळ, सब जांणत संसार। कै सिमरण करतार रौ, सिमरण कै सुदतार।--ऊ.का.
  • उदा.--4..राजकंवर कह्‌यौ--आपारैं खीझ वाळी बात करणी ई क्यूं। पुंछ झालणा में म्हारौ किसौ कूरब कायदौ घटै।
23.कोई घटना, किसी प्रकार का संयोग।
  • उदा.--1..पछै मांडनै सावळ चौधरी आपरा बेटां नै सगळी बात बताई। कह्यौ--म्हांमै तौ आ बात बीती।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..गूजरी रा पड़पंच में वा सूवर अर रेढ़ां नै खासी भली पांतरगी ही। आज वांनै देखतां ई जूंनी बांतां री माथा में सुरंगां माथै सुरंगां छूटण लागी।--फुलवाड़ी
  • उदा.--3..पण चंवरी री वगत एक अजोगती बात फेर बणी।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--बात माथै जाणौ--किसी घटना को तूल देना।
24.कारण, हेतु।
  • उदा.--1..चिड़ा रै उडियां पछै रांणी विचार करियी तौ उणनै इण बात रौ पिछताबौ व्हियो के वा बिना बात चिड़ा नै नाराज क्यूं करियौ।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..बिना बात तौ हंसी ई नीं आवै, पछै रोज मतै आवण री बात म्हैं कीकर मांनलूं।--फुलवाड़ी
25.प्रश्न, सवाल।
  • उदा.--1..बेटी बोलण सारू आखति व्ही तौ धरमराज कह्यौ--इण बात रौ जवाब म्हानै ई देवण दे बटी!--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..भांणजी बोली--अेक बात पूछू मासी, कोई प्रण नै सदा निभावणौ के पार पटकणौ ई सिरै बात है?--फुलवाड़ी
26.अभिलाषा, कामना, चाह, इच्छा।
  • उदा.--1..कुमार कह्यौ--म्हारा मन में ई केई वार आ बात आई पण म्हैं थारा सूं डरतौ कह्यौ कोनीं--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..थारा रूपाळा भतीमा नै देखणा रौ म्हनै अणूंतौ कोड है। केई दिनां सूं म्हारा मन में आ बात ही।----फुलवाड़ी कि.प्र. करणी, होणी।
27.मिस, बहाना।
  • मुहावरा--बातां बणाणी--बहाना करना।
28.विचार।
  • उदा.--रही कटि गई अधरात, बेई तद तेण हियै मझ बात। जड़ै समसेर हिकौ हिक 'जैत', पड़ै रण जूझि अनेक पटैत।--मे.म.
29.भाव।
  • उदा.--जमराज आपरी बेटी रै अंतस री इण बात नै सावळ समझी कोनीं।--फुलवाड़ी
30.नसीहत, सीख, शिक्षा।
  • उदा.--1..परधन हरण परायण पांमर, वंचक वांणी रे। ते झूंठी बुगलां री बातां, नाहक तांणी रे।--ऊ.का.
  • उदा.--2..साचांणी वांमें अकल खासी भली ही। थुड़ण बिचै ठगाई सूं धन कमावणौ घणौ सिरै है। बेटा! मासी री बोतां लाख--लाख रिपियां री है, थुं आरै माथै अमल करैला तौ बळती रै मांयकर साव कोरौ निकळ जावैला।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--बात उठाणी, सीख मानना।
31.आदेश, हुक्म।
  • उदा.--मांनण जैड़ी बांत व्हैला तौ म्है अवस मांमनंला। बताबौ म्है थारौ कै'णौ कदैई लोप्यौ?--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--1.बात उठाणी--देखो 'बात मांनणी'।
  • मुहावरा--2.बात मांनणी--आज्ञा का पालन करना।
32.उक्ति, चमत्कार पूर्ण कथन।
33.अवस्था, परिस्थिति।
  • उदा.--1..पण रीस में आंयां तौ आप रौ चेतौ ई विसर जावै। म्है आपनै निरांत सूं सगळी बातां सावळ समझावूं।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..सोनल उणनै सगळी बात सावळ समझाय दी के उणरै भतीजा री पिछांण कांई है, नाडी किण दिस में है अर छींकौ कठै टिरियोड़ौ है।--फुलवाड़ी
  • उदा.--3..गरणाट , लारै उडतौ लाविया। पसु जुगत बात जांणी परी, अै बंधाणी आविया।--ऊ.का.
  • मुहावरा--1.बात ढूकणी--परिस्थिति माफिक होना।
  • मुहावरा--2.बात पलटणी--परिस्थिति बदल जाना, विपरीत हो जाना।
  • मुहावरा--3.बात बणणी, स्थिति का अनुकूल हो जाना।
  • मुहावरा--4.बात बिगड़णी--परि स्थिति बिगड़ जाना, स्थिति खराब हो जाना।
34.समस्या, उलझन।
  • उदा.--1..आखता पड़नै कै'वण लागा--मुनीजमी, म्है पूछू जकी बातां फटाफट बतावौ, अेक अैड़ी ई कावळ बात पजगी है।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..वै कालै डासवड़ी री नांनी बाळी बात पजाई तौ मिनखां बैठां आपरौ माजणौ गमावैला।--फुलवाड़ी
35.विवाद, हुज्जात।
  • मुहावरा--1.बात पकड़णी--हुज्जात करना।
  • मुहावरा--2.बात बढ़ाणी--झगड़ा या तकरार करना, विवाद करना।
  • मुहावरा--4.बात बणणी--विवाद या झगड़ा न होना।
  • मुहावरा--5.बात बणाणी--देखो 'बात संवारणी'।
  • मुहावरा--6.बात संवारणी--विवाद न बढ़ने देना, स्थितिको संभाल लेना, बिगड़ने न देना।
36.सलाह, सुझाव।
  • उदा.--1..इण बात नै मांन्यां दिसावर जावण सारू की कळझळ नीं व्है तौ घणी नांमी बात। संठ तुरंत बीनणी री बात मांनग्या।----फुलवाड़ी कि.प्र. करणी, मांनणी।
37.स्पष्टीकरण।
38.उल्लेख।
  • उदा.--बेटी डुस्कियां भरतौ कै'वण लागौ--म्हारी बही में अै सगळी बातां मिळै है।--फुलवाड़ी
39.--व्यवस्था, प्रबन्ध।
  • उदा.--1..देखौ बिगड़ी देह, डोळ बीगड़गौ देखौ। बिगड़ गई सध बात, लारलौ कुण लेखौ।--ऊ.का.
  • उदा.--2..धरमराज कै'वण लागौ--म्हारौ अर म्हारा राजा रौ इण बात सारू की कसूर व्हैतौ तौ सतरै वेळा कांन पकड़नै ओळबा रौ झेलू व्हैतौ, पण मौत राबारां में आप जकौ अंधार--खातौ दरसायौ उणरौ कसूरवार खुद मिनख है।--फुलवाड़ी
40.लिखित--लेख। (रिकार्ड)
  • उदा.--आप निरांत सूं थोड़ी ताळ बिराजी, म्हैअबारूं सही--सही बातां बांचनै सुणाय देवूंला।--फुलवाड़ी
41.वस्तु, पदार्थ, चीज।
  • उदा.--औ तौ आपरौ घर है। मन में किणी बात री कोई संका मत राखजौ।--फुलवाड़ी
42.मूल कारण, बीज।
43.किसी वस्तु का मूल्य, दाम, कीमत।
  • उदा.--चौधरी कह्‌यौ--अेक ई बात बताय दूं, पूरा पांच रिपिया लेवूंला। कमी बेसी करज्यौ ई मती।--फुलवाड़ी
44.उचित, ठीक। ज्यूं.--थारै वास्तै तौ अबै आ ईज बात है कै थुं वांनै पईसा पाछा दे दै। निंतर वौ दाबौ कर देवैला।
45.निश्चय।
  • उदा.--ठकरांणीसा ई आ बात आछी तरै जांणता हा कै अेकर जचियां पछै खुद बिरमाजी ठाकरसा नै बात सूं डिग नीं सकै।--फुलवाड़ी
46.आवश्यकता, जरूरत।
  • उदा.--सेठ कह्‌यौ--इण में इत्ता खरावण री कांई बात। थारै हाथां पडोळियोड़ा कांम नै थुं ई अंवेर। थूं बतावैला जकौ ई वरदांन मांग लेवूंला।--फुलवाड़ी
47.उपाय, तरकीब, तरीका। ज्यूं.--अबै तौ एक ही बात है के उणनै मनाबण री कोसीस करां तौ मांमलौ सुधर सकै।
48.तहर, प्रकार, भांति।
  • उदा.--1..साह किता केसर बगल, रचै फंद दिन--रात। मच्छ गळा--गळ मांहि बस, बच जावै हर बात।--बां.दा.
  • उदा.--2..सारी बातां समझणी, सारी बातां सुद्ध। जाहर अरियां जाचणौ 'पातन' धिनौ प्रबुद्ध।--ऊ.का.
  • उदा.--3..ठाकरसा नै सही हिसाब समझावण रौ जिम्मौ म्हारौ। आप दोनां माथै सपना में ई बजौ नी आवैला, आप किणी बात री चिता मत करौ।--फुलवाड़ी
49.वास्तबिकता, सही मतलब, तत्व, मर्म।
  • उदा.--1..पण सैठ तौ यारै करी नी। आपरी जबांन माथै खरा रह अर चौधरी नै ई समझायौ कै दुनियां में सार बात जबांन है।--फुलवाड़ी
  • उदा.--सब सू मोटी बात है संजोग। संजोग रै बिनां दुनियां रौ औ चरखौ अेक पलक ई नीं चालै।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--बात पाणी--तत्व को समझना, मर्म जानना।
50.सामान्य बात। (डिं.को.)
51.क्रियाकलाप।
  • उदा.--धनौ धन्य सौ लोक जो नौक धौकै। बळै गोर हूं और बातां बिलोकै। रच्य रांम रा दोय चित्रांम रूड़ं। चखांसरव एकौ बियौ सरवचूड़ा।--मे.म.
52.बहकावा, धोखा, प्रवंचना। ज्यूं.--उणरी बातां में मत आइजौ, निंतर मर भर रोवैला
  • मुहावरा--बातां में आणौ--बहकावै में आना, धोखा खाना।
53.चुगली।
  • उदा.--चित दे बातां चुगल री, सुणजे कर सनमांन। ऊमर में नंह ऊपजै, कीड़ां रौ दुख कांन।--बां.दा.
54.अंतर कथा।
  • उदा.--ज्यू.केलै के पात में, पात--पात में पात, त्यूं चतुरण री बात में, बात--बात में बात।--अज्ञात
55.इतिवृत्त, इतिहास।
56.प्रेमाख्यान।
57.धामिक या पौराणित आख्यान, कथा।
58.कोई कल्पित या वउास्तविक किस्सा जौ भाव--प्रधान या विषय--प्रधान हो, और जिसका उद्देश्य मनोरंजन या शिक्षा देना हो, कहानी।
  • उदा.--बात सुणावती वगत बाबा रो ई काळजौ चिपग्यौ। थोड़ी ताळ रुकनै कै'वण लागौ--उण वगत वां दोनां रा मन माथै कांई बीती, म्है नांढ़ आदमी उणरौ कींकर हवालौ देसकूं।--फुलवाड़ी
  • मुहावरा--बातां री झड़ी बांधणी, बांतां री झड़ी लगाणी--एक के बाद एक किस्से कहानियां कहते जाना।
59.उपन्यास।
60.देखो 'वात' (रू.भे.) (डिं.को.)
  • उदा.--झंड़ै बात झपेट के फीलां फहराया।--वं.भा.
रू.भे.
बत, बति, बती, बत्त, बाती, वत, वती, वत्त, वात।
अल्पा.
बतियां, बतड़ी, बत्तड़ी, बातड़ली, बातड़ी, बातलड़ी, वतका, वतड़ी, वत्तड़ी, वत्री, वातड़ली, वातड़ी, वातलड़ी। मह.--बातौ।
क्रि.प्र.--कहणी, निकळणी, बोलणी, सुणाणी।
क्रि.प्र.--करणौ, छेड़णी।
क्रि.प्र.--उडणी, उडाणी, फैलणी, फैलाणी।
क्रि.प्र.--बचणी, रै'णी।
क्रि.प्र.--पूछणी।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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