वि.
सं.बालक
1.जो जवान न हो, बच्चों की तरह का।
2.नासमझ, अज्ञानी, विवेकहीन, अबोध।
4.चंचळ। (डिं.को.) सं.पु.--
1.बच्चा, शिशु। (अ.मा.)
- उदा.--1..तद सांहण घोड़ी दोड़यौ। पछै ऊ बाळक मास च्यार रौ यौ जणीनै परसेवौ हुवौ सो रुई भीजी।--साहूकार री वात
- उदा.--2..पबै तरां पालणा, रुदन गाळक मछरीकां। सुण चमकै सुरतांण, हियै सालै दुख हीकां।
2.पुत्र, वत्स, बेटा।
- उदा.--रांम चंगी रहकळां, चलै गोळा कळिचाळक। कबडी जांणिक करै, कुवर पावक रा बाळेक।
4.किशोरावस्था का लकड़ा।
- उदा.--यूं आपरा बेटा रौ उणियारौ निरख निरखनै आपरी ऊमर रा बा'रै बरस ओछा कर दिया अर उणरौ बेटौ बा'रै बरसां री लांठौ बाळक व्हैगौ।--फुलवाड़ी
रू.भे.
बाळक्क, बालक्क, बाळग, बालग, बालड़ौ, बालिक, वालक,
अल्पा.
बाळकियौ, बाळकौ, वाळकौ, मह.--बालड़।