HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

बाळक, बालक     (स्त्रीलिंग--बाळिका, बालिका)  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
वि.
सं.बालक
1.जो जवान न हो, बच्चों की तरह का।
2.नासमझ, अज्ञानी, विवेकहीन, अबोध।
3.असमर्थ।
4.चंचळ। (डिं.को.) सं.पु.--
1.बच्चा, शिशु। (अ.मा.)
  • उदा.--1..तद सांहण घोड़ी दोड़यौ। पछै ऊ बाळक मास च्यार रौ यौ जणीनै परसेवौ हुवौ सो रुई भीजी।--साहूकार री वात
  • उदा.--2..पबै तरां पालणा, रुदन गाळक मछरीकां। सुण चमकै सुरतांण, हियै सालै दुख हीकां।
2.पुत्र, वत्स, बेटा।
  • उदा.--रांम चंगी रहकळां, चलै गोळा कळिचाळक। कबडी जांणिक करै, कुवर पावक रा बाळेक
4.किशोरावस्था का लकड़ा।
  • उदा.--यूं आपरा बेटा रौ उणियारौ निरख निरखनै आपरी ऊमर रा बा'रै बरस ओछा कर दिया अर उणरौ बेटौ बा'रै बरसां री लांठौ बाळक व्हैगौ।--फुलवाड़ी
5.मूर्ख व्यक्ति।
6.छोड़ा या हाथी की पूंछ।
रू.भे.
बाळक्क, बालक्क, बाळग, बालग, बालड़ौ, बालिक, वालक,
अल्पा.
बाळकियौ, बाळकौ, वाळकौ, मह.--बालड़।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची