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बाळी, बाली  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.चौहान वंश की एक शाखा या इस शाखा का व्यक्ति।--बां.दा.ख्या.
2.देखो 'बाळौ' (अल्पा., रू.भे.)
  • उदा.--बाळी घड़ावुं बिट्ठल बर केरी, हार हरी नौ मारै हैयै रे। चित्त माळा चतुरभुज चुड़लौ, सिद सोनी घरै जइयै रे।--मीरां
3.देखो 'बाला' (रू.भे.)
  • उदा.--1..इंदुमुखी नि कमल लोचनी दीठी अबला बाली। व्याधि तिहांथी मूंकावी, नि जल लेईनि पखाली।--नळाख्यांन
  • उदा.--2..मांन जड्‌या गज मोतियां, कड़्‌यां रूळंता केस। ताळी हस देती जणी, बाळी कांमण वेस।--पना वीरमइे री बात
  • उदा.--3..मदालसा नांमै सुकमाली रूप रसाली, तिहां परणी ते बाली रे लरौ। जाली मां थई बाहरि आया नारि सुहाया, बे गुण मणि नी आली रे लौ।--विनय कुमार कृत कुसुमांजलि
4.देखो 'बाळि' (रू.भे.)
रू.भे.
वाळी, वाली।
अल्पा.
वाळकी।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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