सं.स्त्री.
अ.
1.सामर्थ्य, हैसियत, पहुंच।
- उदा.--1..राजा आपरा जीवण में थाळी तिरायां तिरै जैड़ी अर तिल उछाळियां हेटै नीं पड़ै वैड़ी भीड़ आज आपरी आख्यां सूं देखी। कांनां सुणी जकी बात सांप्रत निगै आई। राजा री कांई बिसातके इण उमड़ियोड़ा समंदर माथै काबू पा मकै।--फुलवाड़ी
- उदा.--2..साच रै पखै बंधणा रौ दुख दुनियां रै सरब सुखां सूं धणौ वत्तौ है। इण दुख आगै बावड़ी महारांणी रै सुखां री बिसात ई कांइ।--फुलवाड़ी
6.शतरेज या चज्ञैपड़ आदि खेलने का कपड़ा या तख्ता जिस पर खाने बने हुए होते हैं।