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बींदणी  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
सं.विन्दी:
1.सद्य विवाहिता, युवति, दुल्हन, नववधू।
  • उदा.--विदर बतीसी बींदणी, जती रास वर जास। व्याह थयौ वैसाख में, पूरण प्रेम प्रकास।--बां.दा.
2.पत्नी, भार्या।
3.रिश्ते में छोटे की स्त्री।
  • उदा.--दळिया रांधै दळबळिया हळबांणै, बेचण बींदणियां ईंधणियां आंणै।--ऊ.का.
4.कुळवधू।
  • उदा.--वा जाळोर रा प्रसिद्ध मुहंता परिवार री डीकरी अर समदड़ी रा प्रसिद्ध सेठ परिवार री बींदणी ही।--रातवासौ
5.छोटे बच्चे की लिंगेन्द्रिय।
रू.भे.
बींनणी, बीनड़ी, बीदणी, बीनणी।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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