सं.पु.
1.वह बैल जिसके चूतड़ पर भंवरी होती है। (अशुभ) मतांतर से--वह बैल जिसके पूछ के मूल स्थान के ऊपर भंवरी हो। (अशुभ)
- उदा.--गौ पूछौ, लांबौ पूंछौ, ढाकणियो, टाचणियौ, बीछूड़ौ, बांडियौ, कड़तौड़ी, बूंदी, स्यारौ, सपणियौ, ढोल अंगौ........।--फुलवाड़ी
3.बेसन व घी--शक्कर के योग से बनी एक प्रकार की मिठाई, नुक्ती। वि.वि.--बेसन को पानी या दूध में घोल लिया जाता है तद--नन्तर उसको किसी बड़े छिद्रों वाले झारे में से टपकाकर (गरम) खौलते हुए घी में तल लिया जाता है और शक्कर के रस में भिगो लिया जाता है। इसी के लड्डू बनते है।
अल्पा.
बूंदड़ी। मह.--बूंदड़।
विशेष विवरण:-ऐसा बैल अपनी मालकिन के लिये हानिकारक माना जाता है।