वि.
फा.बे+राज.सुध
1.जिसको कोई सुध या होश न हो, बेहोश, अचेत, मुछित।
- उदा.--पछै बे परणीजण आया, सु जीमण मांहै दारू में धतूरौ घातनै पायौ सू सारा बेसुध किया। पछै हेठा पड़िया तरै कूट मारिया।--नैणसी
2.जिसके होश--हवास ठिकाने न हो, बद--हवास, घबराया हुआ।
3.किंकर्त्तव्यविमूढ़, मूढ़मति, मंतिभ्रम।
रू.भे.
बिसुध, बेसुद्धि, बिसुधी।