सं.पु.
अनु.
1.आघात, प्रहार।
- उदा.--1. आ कैय वा बीजळी री गळाई सळावा भरती भच उठा सूं ताचकी सौ मोगरी हाथ में आवतां ई आवेस पूरा जोर सूं आगळ रै दोनू कांनी भचीड़।--फुलवाड़ी
- उदा.--2. सरमा सरम दुख सांसै, पिंड सुजाग सहावै पीड़। खागां जंग भचीड़ न खावै, भोग तणै वस खाय भचीड़।--कविराजा बांकीदास
2.आघात, प्रहार या टक्कर की ध्वनि।
4.दु:ख, कष्ट।
- उदा.--सरमा सरम मरै दुख सांसै, पिंड सुजाग सहावै पीड़। खागां जंग भचीड़ न खावै, भोग तणै वस खाय भचीड़।--बां.दा.
6.भटकने की क्रिया या भाव।
7.हांनि, नुकसान। क्रि.प्र.--खाणौ।