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भयंकर  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
वि.
सं.
1.डरावना, विकराल, भयावह।
  • उदा.--1..सूनी थाहर सिंघ री, जाय सके नहिं कोय। सिंघ खड़ां थह सिंघ री, क्यों न भयंकर होय।--बां.दा.
  • उदा.--2..भरिया चा सूर भयंकर भारथ, करता पुरुस प्रणांम कहइ। उर ईसवर तणइ ताइ ऊपर, रंडमाळ झिलती रहइ।--महादेव पारवती री बोलि
2.अत्यधिक।
  • उदा.--धरमाराज री बेटी कह्यौ--राजकंवर! दुनियां मैं घणकरी बातां तौ अैड़ी व्है के वांनै जांणणां सूं सुख उपजै अर घणकरी बातां अैड़ी व्हे के वांनै जाणणां सूं भयंकर दुख उपजै।--फुलवाड़ी
3.प्रबल, जबरदस्त।
  • उदा.--भाटी 'रुघपत' साथ भयंकर, संग कायथ 'केहर' मतसद्धर। पातसाह अजमेर परस्से, कूच कियौ तड़भड़ भड़ कस्सै।--रा.रू.
रू.भे.
भयंकार, भयंकारी, भयंगर, भयंद, भयकर, भयकार, भयागर।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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