HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

भर  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.उत्तरादायित्व, जिम्मेदारी।
  • उदा.--1..रचे एम मचकूर, फुजा आपणां दिली भर। जिसौईज करि जबत, करां सोवा सर पद्धर।
  • उदा.--2..देवराज गोगा दया, पातां रुपां पांण। जूंझ तणा भर झल्लिया, उर सूरां धर्म आंण।--रा.रू.
2.किसी वस्तु के संग्रह हेतु बर्तनों को भर लेने का कार्य।
3.भरने की अवस्था या भाव, भराव।
  • उदा.--घमंख पखरांण नीसांण वज घूमरां, परी थाक थकत होय पड़ै भ्रग पास। तरां जड़ ऊपड़ै भरां सूकै तरंग, उरंग रस रंग चडै कुरंग अकळास।--गु.रू.बं.
4.भार, बौझ, वजन।
  • उदा.--1..कण एक लिया किया एक कण कण, भर खंचे भंजियौ भिड़। बळभद्र खळै खळां सिर बैठी, चारौ पळ ग्रीधणी चिड़।--वेलि.
  • उदा.--2..भरिया तरु पुहप वहे छूटा भर, कांम बांण ग्रहिया करगि। वळि रितुराइ पसाइ वेसन्नर, जण भुरड़ीतौ रहै जणि।--वेलि.
5.भरे हुए होने की अवस्था या भाव, पूर्णता, यथेष्टता।
  • उदा.--दिन दस वीतां देसनूं, कूच कियौ कमधज्जा। महपति आयौ मेड़तै, भर वरखा धर भुज्जा।--रा.रू.
6 तौल।
सं.स्त्री.
7.तिल की फसल को खेत में एक विशिष्ट तरीके से एकत्र करने की क्रिया।
8.मिट्टी या बालू रेत का बहुत ऊंचा और लंबायमान टीला।
वि.
1 कुल, सब, समस्त।
2.पूर्णता प्राप्त, पूर्ण। ज्यूं--भरजोवन, भर जवानी।
  • उदा.--भरजोवण ज्युं ही नेत्र छव भरिया, जोत कळा जोवतां जुई। बारें दीहे बरस बारा री, हेमाचळ री कुवरि हुई।--महादेव पारवती री वेलि
वि.
3 भरण-पोषण करने वाला।
अव्यय
1 तक, पर्यन्त। ज्यूं--कोस भर चाल्या हा।
  • उदा.--काळ लंकाळ करठाळ जड़ियौ कमंध, वहै विकराळ रगताळ वांई। भेद छकडाळ चगताळ चूनाळ भिद, ताळ गौ झाळ भर घरण तांई।--गु.रू.बं.
2.वय, अवकाश, परिणाम आदि की संपूर्णता या पूर्णता किसी इकाई के रूप में सूचित करते हुण। ज्यूं--गजभर, दिन भर, जीवनभर।
  • उदा.--रुद्र--घरणी जंपै, सांभळि रुद्र, आज लगै तै लिया अनेक। जैसिंघ धूय तणौ धू जौतां, उमर भर मो जुड़ियौ अेक।
3.अच्छी तरह से, भली प्रकार से।
  • उदा.--छोरां नै एक बार आंख भर देख लेती तो ठीक रै'ती।
4.के, द्वारा या सहायता से।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची