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भाभी, भाभीजी, भाभीसा  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
1.बड़े भाई की पत्नी।,
  • उदा.--1..रांणे रोस कियौ थां ऊपर, साधां में मत जा री। कुळ कै दाग लागै छै भाभी, निंदा हो रहि भारी।--मीरां
  • उदा.--2..साधां रौ संग निवारौ राई, भाभीजी गोरल पूजौ जी राज।--मीरां
  • उदा.--3..औ मांय घालौ जायफळ नै जावंतरी, ओ तैल बनड़ा रै अंग चढसी ओ। लेखौ वां रा भाभीसा कर लेसी, ओ दमड़ा वां रा वीराजी भर देसी।--लो.गी.3 जेठ की पत्नी।
रू.भे.
बाभीजी, बाभीसा, भाबीजी, भाबीसा, वाभीजी, वाभीसा।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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