सं.पु.
1.वर्र नामक उड़ने वाला कीड़ा। क्रि.वि.--समीप, नजदीक।
2.देखो 'भट' (रू.भे.) (डिं.को.)
- उदा.--1..नभ धरां घूमरां भड़ निराट, घूमरां उडे भिड़ भिड़ज धाट। छूटिया प्रधारक अति छछोह बावनां चन्नणां लियण बोह।--विड़द सिंणगार
- उदा.--2..भिड़ भिड़ झगड़ै कोई वीर पड़ै भुव, परमेसर सूं बांधी पलौ। मरणौ हाथ आप रा मांहै, बसं छतीसां कहै 'बळौ'।--बलू गोपाळदासोत चांपावत रौ गीत