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भील     (स्त्रीलिंग--भीलण, भीलणी)  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.भिल्ल
1.प्राचीन काल में राजपूताना, सिंघ और मध्य भारत के जंगलों व पहाड़ों में पाई जाने वाली एक अनुसूचित जाति।
2.इस जाति का व्यक्ति।
  • उदा.--1..मैंणौ पेंणू मेर बावरौ बिळाळा बै'ता भाळौ थोरी भील रात रा मांगै रै'ता।
  • उदा.--2..दोय आदमी साथ लेनै जिण मेवासा में भील रहतौ तठै ही आप जाय पहौंती।--प्रतापसिंघ म्होकमसिं री बात
रू.भे.
भिल्ला।
अल्पा.
भीलड़ौ। पर्याय--तांडी, कमठाळ, आहेड़ी, कांडी, सांवळौ, नायक।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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