सं.पु.
सं.मंडुक:
1.एक प्रसिद्ध छोटा जलचर जीव मेंढ़क, दादुर।
- उदा.--चतुर पुरुष वातक तणी सखि मिटेई तरस तुरंत। हरि हर रूप नक्षत्र नउ सखि नाठउ तेज नितंतरे। थयउ दुरित जवासक अंतरे मुनिवर मंडुक हरखंत रे। जिहां विजयमांन भगवंत रे विकसित त्रय भुवन वनंत रे।--विनय कुमार कृत कुसुमांजलि
3.दोहा नामक छन्द का पांचवां भेद जिसमें 28 गुरु और 12 लघु वर्ण सहित 48 मात्रायों होती है।
4.रुद्रताल के बारह भेदों में से एक। (संगीत)
5.एक प्रकार का वाद्य विशेष। (प्राचीन)
7.घोड़ो की एक जाति विशेष या इस जाति का घोड़ा। (शा.हो.)