सं.स्त्री.
सं.
1.पुराणानुसार गंगा की वह धारा जो स्वर्ग में बहती है और जो एक अयुत यौजन लम्बी है।
4.चित्रकूट के पास बहने वाली एक नदी का नाम।
5.सात प्रकार की संक्रान्तियों में एक।
6.प्रत्येक चरण में क्रमश: दो दो नगण।।। और दो दो रग ऽ।ऽ का एक विणक छन्द विशेष। (पि.प्र.)
7.पुलत्स्यपुत्र विश्रवस् नामक ऋषि की दो पत्नियों में से एक। भगवान शंकर के प्रसाद से इसे कुबेर नामक पुत्र उत्पन्न हुआ।
रू.भे.
मंदाइण, मंदाकण, मंदाकणी, मंदाकनी, मंदाकिण, मंदाकिणी, मंदाकिणी, मंदागनी, मंदागिणी, मंदायण, मंदायणी, मंदायिणी।