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मटकी  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
सं.मार्तिकी
1.मिट्टी का बना जल भरने का छोटा पात्र, छोटा मटका। (डिं.को.)
  • उदा.--1..रूप देख अटकी, तेरौ रूप देख अटकी। देह तै बिदेह भई ढुरि परि सिर मटकी।--मीरां
  • उदा.--2..चांदणी रै सागै चांद ठारी बरसावणी चालू करदी। मटकियां में पांणी जम जाती।--फुलवाड़ी
2.एक प्रकार का लोक, नृत्य।
  • उदा.--नाचण लागी नाचवा, रंभ नाच नचाया। ताजण मटकी तोयचा, लख तांन लगाया।--वी.मा.
3.एक प्रकार का वाद्य विशेष।
रू.भे.
माठटकी।
अल्पा.
मटली, माटली।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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