सं.पु.
अ.मतलब
1.तात्पर्य, अभिप्राय, आशय।
- उदा.--भंवारा जिता लांठा अर कम बंणै, उत्ता ई सावळ। बीचली भींतां यूं ई मोत्यां री ठौड़ रूं धैला। कांई मतळब?--फुलवाड़ी
2.स्वयं का भला या हित सोचने की क्रिया या भाव, स्वार्थ।
- उदा.--1..प्रीत उतारण पार, जेवरळा लाधै जगत। हेतू वणै हजार, मतळब अपणै मोतिया।--रायसिह सांदू
- उदा.--2..नांणौ नारायण प्रद परायण रांमायण रोसंदा है। छळ बळ कर छांनै, मतळब मानें, मूरख गळ मोसंदा है।--ऊ.का.
- मुहावरा--मतळब गांठणौ=स्वार्थ सिद्धि करना।
- मुहावरा--2.मतळब काडणौ, मतळब निकाळणौ=स्वार्थ सिद्धि करना।
- मुहावरा--3.मतळब हो जांणौ=स्वार्थ। सिद्ध हो जाना।
3.पद, वाक्य, शब्द का अर्थ, माने।
4.उद्देश्य, विचार।
- उदा.--जिण मतळब सूं आई ही वौ तौ थनै बिना बतायां ई पार पड़ग्यौ।--फुलवाड़ी
5.सम्पर्क, सम्बन्ध, वास्ता। ज्यूं--मारौ उण सूं कोई मतलब नहीं।