HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

मतळब, मतलब  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
अ.मतलब
1.तात्पर्य, अभिप्राय, आशय।
  • उदा.--भंवारा जिता लांठा अर कम बंणै, उत्ता ई सावळ। बीचली भींतां यूं ई मोत्यां री ठौड़ रूं धैला। कांई मतळब?--फुलवाड़ी
2.स्वयं का भला या हित सोचने की क्रिया या भाव, स्वार्थ।
  • उदा.--1..प्रीत उतारण पार, जेवरळा लाधै जगत। हेतू वणै हजार, मतळब अपणै मोतिया।--रायसिह सांदू
  • उदा.--2..नांणौ नारायण प्रद परायण रांमायण रोसंदा है। छळ बळ कर छांनै, मतळब मानें, मूरख गळ मोसंदा है।--ऊ.का.
  • मुहावरा--मतळब गांठणौ=स्वार्थ सिद्धि करना।
  • मुहावरा--2.मतळब काडणौ, मतळब निकाळणौ=स्वार्थ सिद्धि करना।
  • मुहावरा--3.मतळब हो जांणौ=स्वार्थ। सिद्ध हो जाना।
3.पद, वाक्य, शब्द का अर्थ, माने।
4.उद्देश्य, विचार।
  • उदा.--जिण मतळब सूं आई ही वौ तौ थनै बिना बतायां ई पार पड़ग्यौ।--फुलवाड़ी
5.सम्पर्क, सम्बन्ध, वास्ता। ज्यूं--मारौ उण सूं कोई मतलब नहीं।
रू.भे.
मुतळब।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची