सं.स्त्री.
सं.मन्+क्तिन्
1.बुद्धि, अक्ल।
- उदा.--आंह चंदन सुगम सेव्यइ, भाव संचारिक वधइ। तेत्रीस घ्रति मति स्मरण, लज्जा सोक निद्रादिक सधइ।--विनय कुमार कृत कुसुमांजलि
4.साहित्य के अंतर्गत एक प्रकार का संचारी भाव।
रू.भे.
मत, मती, मत्त, मत्ति, मती, मत्य।
5.देखो 'मती' (रू.भे.)
- उदा.--1..पूत घणौं मैं पालियौ, जूंझण तूं मति माइ। हूं मोड़े आऊं हमैं, सुत दो ही समुझाइ।--वं.भा.
2.मति करौ म्हारी ब्याव सगाई, क्यूं बांधो जजाळ।--मीरां