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मनुहार  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
देखो 'मनवार' (रू.भे.)
  • उदा.--1..मिळै दहूं महिपती, हेत ममनुहार हुलासां। चढ़ै मेध--डंबरां, प्रगट उच्छाह प्रकासां।--सू.प्र.
  • उदा.--2..हाथी एक बांकेराव, घोडा दोय तुर रा च्यार दिया, घणी घणी मनुहारां करी।--सू.प्र.
  • उदा.--3..राजूखां मनुहारां घणी करणै लागियौ।--सूरे खीबें कांधळोत री बात
  • उदा.--4..सूरे नू हाथ झाल गादी ऊपर बैठायौ। खीबे सूं, घणी भनुहार किवी पण उवौ ऊपर नही बैठियौ।--सूरे खीबे कांघळोत री बात
  • उदा.--5..मनुहारिया कर कर दूणां दोढ़ा अमल करावै छै।--प्रतापसिंघ म्होकमसिंघ री वात
  • उदा.--6..अमलां री रह--छह मंडी छै। भूरौ, मेवती, काळौ, किसनागर, आबराई, मरोडी, मुहर तोलौ, लाभौ तिण भांत रौ केसरियौ, पोतां घोळियौ मनुहारां हुवै छै।--डाढाळा सूर री बात


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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