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मरी  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
1.जनपद व्यापी एक भयंकर संक्रामक रोग जिससे तुरन्त मृत्यु होती है, महामारी।
  • उदा.--1..वरस तीसरै मेह न वूठै, ईत मरी दुरभख भय ऊठै।--सू.प्र.
2.मृत्यु मौत।
रू.भे.
मारी। मरीच--सं.पु.(सं.)
1.एक रघुवंशीय राजा। (रांमरासौ)
2.काली मिरच।
3.काली मिरच का पौधा।
रू.भे.
मरिच।
4.देखो 'मारीच' (रू.भे.)
  • उदा.--रावण जहां नांनी रहै, मात सुबाह मरीच।--रांमरासौ
5.देखो 'मरीचि' (रू.भे.) (ह.नां.मा.)


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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