सं.पु.
सं.महा+राज:
1.राजाओं में श्रेष्ठ राजा, बड़ा राजा।
- उदा.--तदवार अंस पुरसां तणी, आय वणी जग ऊपरां। महाराज तणै छळ मारवां, धारी लाज मुरद्धरां।--रा.रू.
2.ब्राहण, गुरु, साधु, सन्यासी या प्रतिष्ठित व्यक्ति के लिए आदर सूचक सम्बोधन।
- उदा.--हियै बसाई हरख सूं, मधूसूदन महाराज। नर जिण सूं ललचै नहीं, सो त्रिभुअण सिरताज।--बां.दा.
- उदा.--2..नाथजी द्वारा में नैणसिंहजी रौ जमांई उदैपुर सू आयौ। नैणसिंहजी कह्यौ--महाराज यां नै मझावौ। जद स्वामीजी समझावण लागा।--भि.द्र.
4.जोधपुर, बीकानेर आदि के महार जाओं के छोटे भाई या उसके वंश के लि प्रयोग किया जाने वाला सम्मान सूचक शब्द। रू..--म'राज, महराज, महाराई, महाराय, माराज, मा'राज, माहराज, माहाराज।