HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

माखण  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.भ्रक्षणं
1.दही को मथकर निकाला जाने वाला सार तत्व, जो अत्यन्त स्निग्ध होता है और जिसको तपाकर घी। निकाला जाता है, नवनीत, मक्खन। (ह.नां.मा.)
  • उदा.--1..एकर एक कागला रै माखण मीसरी लाग्योड़ी एक रोटी हाथ आई।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..सुरंगा वेस, दूध, दही, छाछ अर माखण सूं लथपथ व्हैगा।--फुलवाड़ी
2.सार तत्व।
रू.भे.
मक्खन, मखण, मखन, मांकण, मांकुण, मांखण, माखन।
अल्पा.
मखनी, माखणियौ। मह.--माखणड़ौ।
पर्याय.--तक्रसार, दधसार, नवनीत, नवोघ्रति, नैगवीन, परघ्रत, मधुर, मेळसरुज, सरज, सारज।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची