सं.पु.
सं.
1.कामदेव, मदन। (अनेका., अ.मा., ह.नां.मा.)
- उदा.--नायक तीजी नार रौ, मों दुख दाय मार। धरणी धर खावंद धके, परणी करै पुकार।--बां.दा.
2.श्री कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न का एक नामान्तर।
- उदा.--ए प्रदिमन का नांम जु कांमदेव कौ अवतार। दरपक। कांम कुसमायुध। संवरारि। रतिपति। तनसार। समर। मनौज। अनंग। पंचसर। मनमथ। मदन। मकरधज। मार। ए प्रदिमन का नाम।--वेलि.टी.
3.आघात, प्रहार, चोट।
- उदा.--1..मच धांम धूम सर सेल मार। पड़ त्रास आस आठूं पुकार।--रा.रू.
- उदा.--2..राजा 'गाजी' सारिखा, से वड्डा सिरदार। दखणी मार मानवियाख मार कहीजै सार। मार सार मारकां इळा हूवै आंपांणी, मुहि खग्गां है--खुरां, जेह रक्खी ते मांणी।--गु.रू.बं.
- उदा.--3..चैत्रइं चंपक कुंअलआं, होडीले सहिकार। तरु अर बहु पल्लव धरइ, 'मारि' करइ बहु मार।--मा.कां.प्र.
4.युद्ध, झगड़ा, लड़ाई।
- उदा.--महाबळ बीर बहादुर मार, करै दहुंवै बह पार कटार। घलै दहुंवै बळ खंजर घात, दहूं वळ पंजर पार दिखात।--मे.म.
5.घायल, घावों से पूर्ण।
- उदा.--अठै कंवर वडौ पराक्रम कियौ, आदमी च्यार मार कंवर खेत पड़ियौ, वा सत्रसालजी आदमी सात मार खेत पड़िया। घावां सूं मार हुवा घूमै है।--द.दा.
6.विष, जहर। (अनेका., ह.नां.मा.) (फा.)
8.अमृत। (अनेका., ह.नां.मा.)
9.निशाना, लक्ष्य जिस पर वार किया जाय।
10.गोली आदि के वार की संहारक शक्ति की सीमा।
11.संहारक, नाशक।
- उदा.--नमौ मकराख्य इंद्रजीत मार। नमौ स्रब राकस--वंस--संहार।--ह.र.
14.कार्य या उत्तरदरयित्वों का पड़ने वाला अत्यधिक दबाव, बोझ।
18.चमड़ा भिगो कर रंगने का पानी। (चमार)
19.श्वत, सफेद।* (डिं.को.) सं.स्त्री.--
20.मारने की क्रिया या भाव।
21.मार--पीट, पिटाई।
- उदा.--नहीं आवै जाब, पड़ै जम आव। दीवी मार दूतां, गुरज घोट द्यूथा।--स्री मूळदासजी
1.बुरी तरह से।
- उदा.--1.रांणी आपरी आख्यां देख्यौ के एक चिड़कलौ रोसनदांन रा काच साथै मार टूंचा मारैहै।--फुलवाड़ी
- उदा.--2..म्हारा मोती म्हारा मोती वेलता वौ मोत्यां रा ढिगला में मार अठी उठी लुटण लागौ।--फुलवाड़ी