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मावटौ, मावठ, मावठौ  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.माध--प्रावृष्ट
हेमंत ऋतु या माध मास में होने वाली साधारण वर्षा।
  • उदा.--मावट पोवट मध्य, गुलम गण कूंपळ काढ़ै। नेसावरिया डगा, धणेरा घुरड़ै वाढ़ै।--दसदेव
रू.भे.
मावट, माहट, माहवठउ, माहुटि
अल्पा.
माहावठी, मावडी--देखो 'माता' (रू.भे.)
  • उदा.--रांतिल मोरी मावडी, हुं छउं तोरू बाल। परिपरि पीडाती गणी, स्वांमिनि करि संभालि।--मा.कां.प्र.


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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