सं.पु.
अ.
1.किसी प्राणी की गुख्य प्रवृत्ति, स्वभाव आदत।
- उदा.--1..माझी खिणक मिजाज, बेबदबी सातूं विसन। लौभ घणौ कम लाज, पैळां घर वांछै पिसण।--बां.दा.
- उदा.--2..नै सूंठ आकरा मिजाज री तेज तरराट, बोली री बाड़ी, अकड़ेल अर कांमचोर ही।--फुलवाड़ी
2.किसी पदार्थ का मूल--भूत गुण।
3.स्वास्थ्य, तबीयत।
- उदा.--तद नबाब जांणियों मौत आयी। तारां हाथ जौड़नै कयौ ''राजा सा' ब, आपकी मिजाज अच्छी है?'' यूं कहने तुरत असवारी नू टोराय गयो।--द.दा.
4.गर्व, अभिमान, घमंड।
- उदा.--1..वो आपरामन में कै'वतौ--भांबणकी री जात अर हाजरिया आगे मिजाज। समंदर में रै'वणौ अर मगरमच्छ सूं बैर देखूं कितराक दिन अकड़ती फिरै।--रातवासौ
- उदा.--2..इतनू कांइ छै मिजाज म्हारे मिंदर आ (ब) ता। थांनै इतनूं कोई छै मिजाज।--मीरां
5.नाज, नखरा।
- उदा.--आलीजै री सेजा में रीझं रहूंली, कहि रे मिजाज करू रसिया।--लो.भी.
6.खुशी, मोद।
- उदा.--जद वा ऊंदरी आपरे रूप रौ बखांण सुणनै मिजाज में मटरका करती घरै आयगी।--फुलवाड़ी