सं.स्त्री.
सं.मुञ्ज:
1.सरकंडों की ऊपरी छाल जिसको भिगो कर व कूट कर चार पाई बुनने के लिए रस्सी बनाई जाती है।
2.इस छाल की बुनी हुई रस्सी।
- उदा.--करणै नै बचबचा' र पकड़ लियौ, बूकिया झाल लिया अर मूंज रा बंध दे परा' थांणै में सूंप दीनौ।--दरदोख
3.धारा नगरी का परमार राजा मुंज।
- उदा.--स्रीदसरथ दसरथ सुतन, पीथल मूंज पंवार कुंण कुंण डहकांणां नही, बस चुगलां वापार।--बां.दा.
रू.भे.
मउज, मऊज, मुंज, मूंझ, मूज, मूझ,