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मोगर  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.मुद्‌गर, प्रा.मोग्गर
1.एक प्रकार का शस्त्र जो गदा के आकार का होता है, मुदूगर। (अ.मा.) (उ.र.)
  • उदा.--1..केहर देखे कुंजरा वन घेर विहंडै, 'मद्दू' झोकी काळमी, कर मोगर जड्डै।--वी.मा.
  • उदा.--मोगर हाथे सहिया रे, अन्याई करै चकचूर। सेवक स्री जिनराय ना प्रगट्‌यौ जांणै अंकूर।--स्त्रीपाल रास
  • उदा.--सर सींगणि छुरि कंत सांग गेडीहल मोगर। गोळी गोफण संख गुरज मूसळ घण तोमर।--रा.सा.सं.
2.सेना, फौज। (ह.नां.मा., अ.मा.)
  • उदा.--1..हरिणागळ आगळ हरिण हल्लि, वेणी रयज्जा वख्यात वल्लि। सेंलहथ मेघ चड़ियउ सिहाइ, मोगर मुगुल्ल भेळिसी माहि।--रा.ज.सि.
  • उदा.--2..तठा उपरांति राजांन सिलांमति पातिसाह रा दळ बादळ मोगर थाट ऊपड़िआ छै।--रा.सा.सं.
  • उदा.--1..रूकहथौ भाटी रैणायर, मांझी तीन साथ दळ मोगर।--रा.क्ष.
3.झुण्ड, समूह।
4.मूंग या मोठ की, छिलका उतारी हुई दाल।
  • उदा.--1..इणी भांति रा सींघळी गजराज वेसासनै आंणी छै, तांह नूं मलीदा बेसवार मोगर देदे नैं पाटि आंणि सझाया छै।--रा.सा.सं.
  • उदा.--2..कमोद तुळछी स्यांमजीरा दधि मोगर चीनी एळची पूरब कपूर पोहप प्रसंग हरेवी सोरंभ कुसुमवां किय जगनाथ भोग ऐसी चौरासी भांति जिन्हुं के गंज दरसावै।--सू.प्र.
5.उक्त दाल की बनी हुई सब्जी।
6.मुसलमान।
7.देखो 'मोगरी' (रू.भे.)
  • उदा.--सिंह आगलि न रहइ गज घटा, अम्रत आगलि न रहइ विस छटा। सींचांणा आगलि न रहइ चिडउ, मोगर आगलि न रहई घडु।--नलदवदंती रास
8.देखो 'मोगरौ' (मह., रू.भे.)
रू.भे.
मोगळ मौगर।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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