सं.स्त्री.
1.गंदे पानी के निकास की छोटी नाली।
2.तालाब या बांध के पानी के निकास का तंग द्वार, नहर, छोटा नाला।
- उदा.--1..सहर मांहै पाखती पांणी घणौ, वडौ ताळाब सूरसागर जिण री मोरी छूटे छै, जिण सूं बाग बाडी घणा पीवै।--नैणसी
- उदा.--2..मिनखां नूं खेती इमारत नू खपावै कारज चलावै ने हर कारण में ताळाब बांध मोरी राखणे कुवा करणे में इतरी मदत धोरा बंधावण में करै।--नी.प्र.
5.एक राजपूत वंश जिसे मोर्य भी कहते हैं।
- उदा.--1..कोट विणायो मोरियां, साह हमाऊं नंद। तोड़ करै नहि टूटही, वीर मदत जग वंद।--बां.दा.
- उदा.--2..राजकुली 36, सूर्यवंस सोमवंस यादववंस कदंब परमार इक्ष्बाक चाहुमांन चालुक्य मोरी सेलार सैधव बिदक।--व.स.
- उदा.--1..जोगी कहइ सूणि मोरी माई। दिन तीसरई आवइ घरी राय।--वी.दे.
- उदा.--पंडव कहइ अम्है पापिया, किम छूटां मोरी मायोजी। कहइ कुंती सेत्रुंज तणी, जात्रा कियां पाप जायौ जी।--स.कु.
वि.
खाली, रिक्त। सर्व.--मेरी।