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मौसर  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
1.मृतक के पीछे किया जाने वाला भोज। मृत्यु भोज।
  • उदा.--1..जाट आपरी मां रै लारै घणौ ई खरचौ--खातौ करियौ। गंगाजळी वरताय नै सगळी न्यात निवती। नांमी मौसर करियौ।--फुलवाड़ी
  • उदा.--2..औसर उडाया, मौसर मिटाया। आखा खरचा--बरचा घटाया, अर कुरीतां में, सुभीतै रा कांम पौळाया।--दसदोख
2.किसी अवसर विशेष पर होने वाला धामिक, सामाजिक या रीति रिवाज सम्बन्धी कार्य।
3.--देखो 'मोसर' (रू.भे.)
  • उदा.--1..मांनवियों चूकौ मती, आयौ मौसर एहु देहु। देहु धन दीन नै, लाभ जनम रौ लेहु।--ऊ.का.
  • उदा.--2..भूप 'अजीत' तणै छळ भाटी, पण परवीर रीत ची पाटी। बोल 'किसाकर' 'सूर' अतुळी बळ, मौसर तणौ सांपनौ मंगळ।--रा.रू.
  • उदा.--3..सझ भुजां निज धांनंख सरा, मझ अड़ै भूहां मौसरा। रिण रांम त्रप दसमाथ रा, खित वेध लगा खरा।--र.ज.प्र.
  • उदा.--4..अंग ऊंचास रा, खीजिया खास रा। मुळकती मौसरा, आविया आस रा।--मा.वचनिका
रू.भे.
मवसर, मांसर, मावसर, मोंसर, मोमर।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






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