सं.पु.
सं.रघु+राज
1.श्री रामचन्द्र।
- उदा.--1..सभा भूप दसरथ सुत, रूप इसौ रघुरज।--रांमरासौ,
- उदा.--2..राज मौहरि उपति रघुराई। भिड़ू जेण विध लखमण भाई।--सू.प्र.
- उदा.--3..अस्तुति कर सब देव सिधाया, जग में जय-जय धुन छाई। आनंद भयौ भवन सारां में, राज विराज्या रघुराई।--गी.रां.
- उदा.--4..कळ सत 'कंत' जिण जगणंत। रट रघुराय, थिर सुख थाय।--र.ज.प्र.
- उदा.--5..राज तणी इच्छा रघुराया, अखिल चराचर जीव उपाया।--ह.र.
रू.भे.
रुघराई, रुघराउ, रुघराज, रुघराजा।