HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

रमणी  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
सं.
1.स्त्री, औरत, नारी।
  • उदा.--1..रमणी बरहीनां निरख नवीना, रांम रांम रणकंदा है। कंद्रप रा कीटा फबत न फीटा, भंवरगुफा भणकंदा है।--ऊ.का.
  • उदा.--2..रमणी जेह कुरूप स्युं कहीयै तास सरूप हो।--विनय कुमार कृत कुसुमांजलि
2.रमण करने योग्य युवती, सुन्दर स्त्री।
  • उदा.--बोलै केहै जोरि करारि बावली। हरिहां रमणी तज हठ चालि दुवाई रावळी।--मा.वचनिका
3.पत्नी, प्रियतमा।
  • उदा.--1..गत गैंवर कटि केहरी, रमणी हाटक रंग। कुच गिरवर लोयण कमळ, ऐ हैं कुसळे अंग।--बां.दा.
  • उदा.--2..मनगमणी रमणी हुस्युंजी, सेवस्युं ताहरा पाय।--विनय कुमार कृत कुसुमांजलि
4.सुगन्ध बाला।
5.कर्णाटकीय पद्धति की एक रागिनी। (संगीत)
6.साधु संन्यासियों द्वारा की जाने वाली यात्रा। भ्रमण।
रू.भे.
रमणि, रवनि, रवनी।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची