सं.स्त्री.
सं.राका
1.पूर्णिमा की रात्रि, पूनम की रात।
- उदा.--1..उदियागर उगियौ, इंदु राकां अविरचां। रंग कुरंग विरहणी, पाव वाधी अरचां।--कील्हजी चारण,
- उदा.--2..तौ केसपास छै सौइ राति भई। राका कहतां पूरणिमा ताकौ ईस चंद्रमा सोई मुख हुऔ।--वेलि.टी.
- उदा.--3..सजळ, सलहर, सपत्र, सतप, सुरस्रंग, ससीतळ। प्रात, पुनिम मधु जेठ व्रखा, विग्रह राका मिळ।--र.ज.प्र.
2.पूर्णिमा की तिथि, एक पर्व-दिन।
- उदा.--1..उच्छब वधै अजोधिया, प्रभु दरसण परमांणि। चंद्र देखि सांमंद्र चढै, जळ राका निस जांणि।--सू.प्र.
- उदा.--2..करि ठांम ठांम वंदण कळस, सरस गांम निज गांम सुख। व्है नजर नरां सांमंद हरख, राका निस सांमंद रुख।--सू.प्र.
3.पूर्णिमा की अधिष्ठात्री देवी।
5.वह युवती जो पहले-पहल रजस्वला हुई हो।
7.खर तथा सूर्पनखा की माता।