HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

रेवड़  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
भेड़ों व बकरियों का दल या झुण्ड।
  • उदा.--1..जमनाजी के बांयै डावै, रेवड़ चरतौ जाय। नजर पड़ी करण्यै मीणै की, जद यूं बोल्यौ आय।--डूंगजी री छाबली,
  • उदा.--2..ग्वाळा रे ग्वाळा भाई, रेवड़ थारौ हळवै हांक। लाडलिया जंवाई रौ पिचरंग पेचौ खेह भरै।--लो.गी.,
अल्पा.
रेवड़ियौ।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची