वि.
सं.रोहिन्
1.ऊपर चढने वाला, ऊपर की ओर जाने वाला। सं.पु.--
1.एक प्रकार का हिरन, मृग।
4.रीढ़ की हड्डी।
- उदा.--'सगतीसिंह' तरवार वाही सो प्रेमसिंह घोड़े फेरते रै लागी घोड़े रै खोगीर बढकर रोही री हाडी बैठ गयी जिण सूँ घोड़ो झुस हुय गयौ।--मारवाड़ रा अमरावां री वारता
5.वन, जंगळ।
- उदा.--गुण औगुण जिण गांव, सुणै न कोई सांभळै। उण नगरी विच नांव, रोही आच्छी राजिया।--कृपाराम बारहठ (खिड़िया)
- उदा.--2..इतरा में रोही मांही एक थोरी सिकार रै पगां हिरणी मुहडा आगै लियां आवै।--रामदत्त साह री वारता