HyperLink
वांछित शब्द लिख कर सर्च बटन क्लिक करें
 

लब्धि  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.स्त्री.
1.प्राप्त होने की अवस्था या भाव, प्राप्ति।
2.लाभ, फायदा।
3.(गणित) में भागफल।
4.शुभ अध्यवसाय तथा उत्कृष्ट तप, संयम के आचरण से तत्तत्कर्म का क्षय और क्षयोपशम होकर आत्मा में उत्पन्न एक विशेष शक्ति जो 28 प्रकार की मानी गई है।
  • उदा.--गौतम गणधर गुण निलौ, लब्धि तणौ भंडार। चवदै सौ बावन सहु, नमता जय जयकार।--जयवांणी
रू.भे.
लबधि ।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

Project | About Us | Contact Us | Feedback | Donate | संक्षेपाक्षर सूची