4.एक प्यार और वात्सल्य भरा सम्बोधन सूचक शब्द।
- उदा.--1..तेल फुलेल मद बाटळा औ भैरूं, ओर चोट्याळा नाळेर, ओ लाल। मैं छूं धरम की बैनड़ी, ओ भैरूं, तूं मेरौ समरथ भाई ओ लाल।--लो.गी.,
- उदा.--2..मुरला लाल, थे छौ जवाई म्हारै माथै परली मैंमद ओ, मेड़तिया ओ लाल, कमधजिया ओ लाल, थे छौ जंवाई, म्हारै कांनां परला कुंडळ, मुरला लाल।--लो.गी.,
- उदा.--3..या ल्यौ राजाजी थांरी नोकरी जी राज, यौ ल्यौ साथीड़ां थांरौ देस रै पपइया रै लाल।--लो.गी.,
- उदा.--4..पहली प्रीत करौ पीतब सुं, पीछै छाडि बिकारी। जन हरिरांम करत हरिजी सुं लाल पुकार हमारी।--अनुभववांणी
5.एक प्रकार का पक्षी विशेष जो प्रायः जलाशय के पास रहता है।
- उदा.--जांणै दूसरी घटा छै। दरखतां ऊपर मोर कुहक रह्या छै। सुवा केळ करै छै। तूती बोल रही छै। लाल हाक मार रह्यौ छै।--रा.सा.सं.
6.ताश के पत्तों में चार रंगों में से एक रंग या उक्त रंग का पत्ता।
7.भंगियों (हरिजनों) के गुरु।
8.खेल में पहले जीता हुवा खिलाड़ी। सं.स्त्री.--
9.मानिक, रत्न।
- उदा.--म्हारै नवधा नथ सुहावणी, सांवलड़ौ है मोत्यां बिचली लाल। म्हारै फूल झूमका फब रह्या, सांवलड़ौ है झूमर री लूम।--मीरां
10.भूरापन लिए हुए लाल रंग की एक प्रसिद्ध छोटी चिड़िया।
11.श्री करनीदेवीजी की बहिन का नाम।
12.बच्चों के खेल विशेष में जीती हुई बाजी का नाम। ज्यूं--एक लाल माथै करणी। [सं.लालसा]
13.इच्छा, चाह।
- उदा.--स्वयंवर छि तेहनु, तांहां जाय छि भूपाळ। पांमवूं वसि दैवनि, आसा तणी छि लाल।--नळाख्यांन
1.रक्त वर्ण का। (डिं.को.)
- उदा.--उड़त गुलाल लाल भयै बादळ, बरसत रंग अपार रे। घट कै सब पट खोल दियै हैं, लोकलाज सब डार रे।--मीरां
2.क्रोधयुक्त, आवेश में।
- मुहावरा--लाल होणौ=क्रोध में आना, आवेश में आना।
3.खेल में सबसे पहले जीता हुआ।
4.प्रिय, प्यारा।
- उदा.--ऊंचौ घालूँ पालणौ, यौ जळ जमना कै तीर। झोटौ देसी सायबौ, म्हारी लाल नणद कौ बीर। गीगा सोज्या मेरा लाल।--लो.गी.