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लील  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
देखो 'लीला' (रू.भे.)
  • उदा.--वसै न वाड़ी नांव न वासा, रहत उदास न लील निवासा।--अनुभववांणी
2.आनन्द, मंगल, परमसुख।
  • उदा.--रिखिदत्ता रांणी रूड़ी परि, पाल्युं निरमल सील रे। समयसुंदर कहइ मुगति पहूंती, लाधा अविचल लील रे।--स.कु.
3.पानी पर जमने वाली काई।
4.हरियाली।
  • उदा.--उन्नाळै दे ईल, लील चौमास खुलावै। सीयाळै न्यायास आखर्‌यां सुखी सुळावै।--दसदेव
5.शरीर पर चोट या प्रहार से उभरा हुआ नीला चिह्न।
  • उदा.--दीवांण जी इण हालत में कांई जबाब देवता। ठौड़-ठौड़ लील जम्योड़ी। मूंडौ सूज्योड़ौ।--फुलवाड़ी
6.श्याम स्तनों वाली गाय।
7.रंग विशेष की घोड़ी।
8.सारस्वत नगर के वीरवर्मन राजा का पुत्र।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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