सं.पु.
1.सारन-भादो मास में अविच्छिन्न व निरन्तर छोटी-छोटी बूंदों की वर्षा करने वाले बादल या उक्त बादलों से होने वाली लगातार वर्षा, झड़ी।
- उदा.--1..थांनै थांनै ए म्हारी वाड़ा री वडवेल, थांनै ए कुण सींचैगौ। सींचै सींचै, ए म्हारौ सांवणिया रौ लोर भादूड़ै रौ झड़ झेलेगौ।--लो.गी.
2.तीक्ष्ण ध्वनि, टेर, रट।
- उदा.--1..बाबहिया तूं चोर, थारी चांच कटाविसूं। राति ज दीन्ही लोर, मइं जांण्यउ प्री आवियउ।--ढो.मा.
- उदा.--2..बाबहिया तरपंखिया, तइं किउं दीन्ही लोर। मइं जांण्यउ प्रिय आवियउ, ससहर चंद चकोर।--ढो.मा.
3.समूह, झुण्ड।
- उदा.--पअक्खर-रोर, लसक्कर लोर। क्रमै दळ कोम, गह-मह गोम।--गु.रू.बं.
5.खेत की सीमा पर प्राकृतिक रूप से पंक्तिबद्ध वृक्षों की कतार।