सं.पु.
1.लोहा नामक प्रसिद्ध धातु (अ.मा., ह.नां.मा.)
- उदा.--राम भणै भण रांम भण, अवरां रांम भणाय। जिण मुख रांम न ऊचरै, ता मुख लाह जड़ाय।--ह.र.
2.शस्त्र प्रहार।
- उदा.--1..बंब नयण विक्रम गजबोहां, लागां लड़ै असीचत्र लोहां। धारण चित्त सिरदार नजर धरि, असि तौरियौ सेरखां ऊपरि।--सू.प्र.
- उदा.--2..दोही तरफां लोह रा प्रभाव में कसर न राखी तथापि पश्चिम रौ अधीस जांणि बारसुंदरी रै स्वभाव जय लक्ष्मी रौ कटाक्ष तौ भोळाराव री तरफ हुवौ।--वं.भा.
4.तलवार।
- उदा.--स्रोन धार धर चलत, चलत लख पंक्ति पलच्चर। कातर बिमुहे चलत, चलत समुहै नर हैमर। चलत लोह उत्ताल, सूल सरगदा परिघ्घन। चलत सोर साबत, मनहुं डंडूर बूंद घन।--ला.रा.
- मुहावरा--1.लोह करणौ=तलवार का प्रहार करना।
- मुहावरा--2.लोह भेळणौ=युद्ध करना।
- मुहावरा--3.लोह लैणौ=मुकाबला करना।
- मुहावरा--4.लोह मांनणौ=हार स्वीकार करना।
5.लगाम, वल्गा।
- उदा.--1..खित पुडि पडी भांति खुरांह, तीनां ऊरवरवं तुरांह। तपिए ताळुए उतंग, पीसै मुहे लोह पवंग।--गु.रू.बं.
- उदा.--2..पाइगाह मंडण चढण पाट, सांहणी छोड सिंणगार थाट। लाखीक तणै मुंह दीध लोह, सोव्रन्न जोत नग जडत सोह।--गु.रू.बं.
7.काला, श्याम। * (डिं.को.)
रू.भे.
लोव, लोहउ, लोहड़उ, लोहड़ौ, लोहडौ, लौहौ, लौह। मह.--लोहड़, लोहड।