सं.स्त्री.
सं.विद्युत
1.बिजली।
- उदा.--1..वारद विद्युत वरण, पीत अरु धरण नीलपट। तरह महदन रत तणी, देख दिल दरप जाय दट।--र.रू.
- उदा.--2..आसन स्यंघ घटा तन स्यांम, पटंबर पीत सु विद्युत है। चाप सिलीमुख पांन विमोह सु, बांम विभाग सिया जुत है।--र.ज.प्र.
4.सहिष्णु नामक शिवावतार का एक शिष्य।
5.यातुधान नामक राक्षस का पुत्र व रसन नामक राक्षस का पिता एक राक्षस।
6.एक छंद विशेष, जिसमें दो नगण, दो तगण व अन्त में एक गुरु होता है तथा सात व छ: वर्णों पर यति होती है। वि.वि.--इसको चंद्रिका, उत्पलिनी व कुटिलगति भी कहते हैं। वि.--जिसमें बहुत अधिक दीप्ति हो।
रू.भे.
विदत, विदुत, विदुति, विद्युता, विद्योत, विद्योता, विद्वति, विधुत।