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विपसचित, विपस्चित  
शब्दभेद/रूपभेद
व्युत्पत्ति
शब्दार्थ एवं प्रयोग
सं.पु.
सं.पुश्चित
1.स्वारोचिष मन्वन्तर का इन्द्र।
2.एक राजा, जो अपनी पत्नी के साथ पापकर्म किये जाने के कारण नरक में गया था। इसकी पत्नी का नाम पीवरी था जो विदर्भराज की कन्या थी।
3.दक्षजयन्त लौहिल का वंशज एवं शिष्य, जो स्वयं आर्चा था।
4.आषाढ़ उत्तर पाराशर्य नामक आचार्य का वंशज एवं शिष्य, जो एक आचार्य था।


नोट: पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस संकलित वृहत राजस्थानी सबदकोश मे आपका स्वागत है। सागर-मंथन जैसे इस विशाल कार्य मे कंप्युटर द्वारा ऑटोमैशन के फलस्वरूप आई गलतियों को सुधारने के क्रम मे आपका अमूल्य सहयोग होगा कि यदि आपको कोई शब्द विशेष नहीं मिले अथवा उनके अर्थ गलत मिलें या अनैक अर्थ आपस मे जुड़े हुए मिलें तो कृपया admin@charans.org पर ईमेल द्वारा सूचित करें। हार्दिक आभार।






राजस्थानी भाषा, व्याकरण एवं इतिहास

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