सं.स्त्री.
सं.विभावरी
1.रात, रात्रि। (अ.मा.मा., नां., ह.नां.मा.)
- उदा.--रज डंबर अंबर मग्ग चढै, भ्रम कोक विभावरि सोक बढै। नभ देव विमांन न की अवली, उडि गिद्धनि के गन संग चली।--ला.रा.
5.पतिता स्त्री, पथभ्रस्ट स्त्री।
7.पहली पत्नी के जिन्दावस्था में लाई गई दूसरी स्त्री, रखैल।